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दरख्तों से पत्ते भी टूट जाते हैं जब बसंत आती है, ज

दरख्तों से पत्ते भी टूट जाते हैं जब बसंत आती है,
जाने पर बसंत के फिर से हरियाली छाती है,
जिंदगी भी कुछ ऐसी है कभी धूप तो कभी छांव,
कभी तो खुशियां लाती है ,कभी गम दे जाती है।

©Abhishek Vishwakarma bad and good phases of life 

#Thoughts
दरख्तों से पत्ते भी टूट जाते हैं जब बसंत आती है,
जाने पर बसंत के फिर से हरियाली छाती है,
जिंदगी भी कुछ ऐसी है कभी धूप तो कभी छांव,
कभी तो खुशियां लाती है ,कभी गम दे जाती है।

©Abhishek Vishwakarma bad and good phases of life 

#Thoughts