तेरा वक़्त नहीं मैं तेरा साथ चाहती हुंँ । यो कबी खतम नां हो वो बात चाहती हुँ। होंगे और भी लाखों भीड़ मे चाहने वाले । मुझे चाहत तेरी मै हाथ में तेरा हाथ चाहती हुँ। #चाहत