#Pehlealfaaz मुझे खोना और पाना बड़ा भारी है, क्योंकि कलम जो मेरी सवारी है | कहीं मोहब्बत तो कहीं दुश्मनी भारी है, सियासत पर आज भी मेरी दोस्ती भारी है | मैं साथ हू सबका अब ये राज भारी है, मेरे गीतों की महफिल में तुम्हारा प्यार भारी है | #मेरे गीतों के महफिल में तुम्हारा प्यार भारी है |