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यूं तो बोल देने की आदत थी मुझे तेरे रवैये ने है चु

यूं तो बोल देने की आदत थी मुझे
तेरे रवैये ने है चुप,आज कर दिया मुझे

तू बेचेन है माना, सुकून तो मुझे भी नहीं 
फिर क्यूँ खुद से, इतना दूर कर दिया मुझे

बस इतना असऱ  है तेरे ल़हजे की तल्खी में
अब खामोशी सा खामोश है कर दिया मुझे 

मौत कहाँ मिली है माँगे से खुदा से यहाँ 
क्यूँ ज़िंदा सा इक मुर्दा है कर दिया मुझे 

बातें भी महज़ हैं इक़ रसम बनकर रह गयीं
खुशनुमा माहौल में है मातम कर दिया मुझे 

माना सही तू है तो गलत़ मैं भी नहीं 'फकीर' 
जो सब जानकर भी अंजान है कर दिया मुझे 





 #मातम #ehsaas#yqdidi#yqbba
यूं तो बोल देने की आदत थी मुझे
तेरे रवैये ने है चुप,आज कर दिया मुझे

तू बेचेन है माना, सुकून तो मुझे भी नहीं 
फिर क्यूँ खुद से, इतना दूर कर दिया मुझे

बस इतना असऱ  है तेरे ल़हजे की तल्खी में
अब खामोशी सा खामोश है कर दिया मुझे 

मौत कहाँ मिली है माँगे से खुदा से यहाँ 
क्यूँ ज़िंदा सा इक मुर्दा है कर दिया मुझे 

बातें भी महज़ हैं इक़ रसम बनकर रह गयीं
खुशनुमा माहौल में है मातम कर दिया मुझे 

माना सही तू है तो गलत़ मैं भी नहीं 'फकीर' 
जो सब जानकर भी अंजान है कर दिया मुझे 





 #मातम #ehsaas#yqdidi#yqbba