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खुश था, पैरो तले जमीन ना थी, बियाबान भी आशियाना ल

खुश था, पैरो तले जमीन ना थी, 
बियाबान भी आशियाना लगे थे ।
जिन्दगी पर हो रहा गुरूर था, 
उनकी नजरे-करम का शुरूर था ।
बोझ जिन्दगी,प्यारी लगी थी, 
कान्टे भी फूलो की क्यारी लगी थी ।
उसने दिया दगा,टूटा 
 जो शुमार था 
बेखुदी बता गई,,एक तरफा प्यार था ।
arvind bhanwra December  (day 21) एक तरफा प्यार ।
खुश था, पैरो तले जमीन ना थी, 
बियाबान भी आशियाना लगे थे ।
जिन्दगी पर हो रहा गुरूर था, 
उनकी नजरे-करम का शुरूर था ।
बोझ जिन्दगी,प्यारी लगी थी, 
कान्टे भी फूलो की क्यारी लगी थी ।
उसने दिया दगा,टूटा 
 जो शुमार था 
बेखुदी बता गई,,एक तरफा प्यार था ।
arvind bhanwra December  (day 21) एक तरफा प्यार ।