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जो तकिये के बिना ,सोने से कतराते थे। कोई आकर तो द

जो तकिये के बिना ,सोने से कतराते थे।
 कोई आकर तो देखे आज वो कहीं भी सो जाते हैं।।
(क्योकि लड़के भी घर छोड़ जाते हैं।) specially for student  जो घर छोड़ के आते है पढ़ने के लिए तयारी futur की
जो तकिये के बिना ,सोने से कतराते थे।
 कोई आकर तो देखे आज वो कहीं भी सो जाते हैं।।
(क्योकि लड़के भी घर छोड़ जाते हैं।) specially for student  जो घर छोड़ के आते है पढ़ने के लिए तयारी futur की