युद्ध जो लड़े गये। था मैं बिवश खड़ा, पुत्र मोह में पड़ा। अतीत का जो मान था, आज रिक्त वो स्थान है, पुत्र भी नही रहे, "भीष्म "भी चले गये। लुट गया सब यहाँ, अब नही कुछ बचा। सूना महल है पड़ा, कुरुक्षेत्र के दाँव लगा। थी हुई भूल सब, हो रहा ज्ञात अब। महाभारत युद्ध के बाद "धृष्टराष्ट्र" के हृदय में उठ रहे आत्मग्लानि रूपी सागर के लहरो की मार्मिकता को कविता के माध्ययम से दर्शाया गया है। #रोकलेनाथा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqbaba #motivational #inspiration #tmkosh