डूब गया सपनों का चलता फिरता शाही "शीशमहल" लटक गए गुंबज, बंद हुए आशिकों का "चहलपहल" वो लटके-झटके बात - बात पर इतराने की "पहल" अब सुकून मिलेगा सच कहा बिना किए तुमसे "छल" ©अनुषी का पिटारा.. #बुढ़ापा #अनुषी_का_पिटारा