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तेरे रुख़्सार पे गिरती हुई ये ज़ुल्फ़ों से जैसे रात

तेरे रुख़्सार पे गिरती हुई ये ज़ुल्फ़ों 
से जैसे रात ये हो जाती है

जब तू झपकती है मिज़्गाँ अपनी
दश्त ये घने भी शरमा जाते हैं

जब तू भरती है आहें सरगोशियों में
हाए साँसे ये मेरी थम जाती हैं

जब पकड़ती है तू हाथ मेरा
क़ल्ब की धड़कन ये बढ़ जाती हैं

तेरे अधरों पे ये तिल क्या क़यामत है
गोया मुझे जैसे बोसा लेने को मनाते हैं रुख़्सार-गाल
मिज़्गाँ- eye lashes
दश्त- जंगल 
सरगोशियों- फुसफुसाहट
क़ल्ब- दिल
अधरों- upper lip
गोया- जैसे 
बोसा- चुम्बन
तेरे रुख़्सार पे गिरती हुई ये ज़ुल्फ़ों 
से जैसे रात ये हो जाती है

जब तू झपकती है मिज़्गाँ अपनी
दश्त ये घने भी शरमा जाते हैं

जब तू भरती है आहें सरगोशियों में
हाए साँसे ये मेरी थम जाती हैं

जब पकड़ती है तू हाथ मेरा
क़ल्ब की धड़कन ये बढ़ जाती हैं

तेरे अधरों पे ये तिल क्या क़यामत है
गोया मुझे जैसे बोसा लेने को मनाते हैं रुख़्सार-गाल
मिज़्गाँ- eye lashes
दश्त- जंगल 
सरगोशियों- फुसफुसाहट
क़ल्ब- दिल
अधरों- upper lip
गोया- जैसे 
बोसा- चुम्बन

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