कुछ करीबी सा किस्सा है, तू मेरा ही हिस्सा है, तेरे लम्हो में एक फ़ितूर है, तू करीब है या दूर है, मजबूर हुँ मैं खुदके ही सवालो से, उलझा हूँ तेरी बेफिक्री के खयालो से, कह ना पाया मैं दिल के जज़बातों को, सोचके आने वाले हालातों को, भूल गया हुँ बारिश की बूंदों को, खो गया है जतिन कहीं ढूंढो तो, मुस्कुरा देना मिल जाये अगर जिक्र तुम्हारा किताबों में, दिन रात माँगा है तुझको ही फरियादों में। 2015-2016 एक लड़की