तू बेखबर थी मैं न बेखबर था,मेरी रात नागिन और दिन जहर था, तू क्यों परेशा होती गर्म लिबासों में मै ठंड में ठिठुरता रहा मेरा अजनबी शहर था ! ©Shiv Kishore #बेचारा अनजान