शोले बरसे, थर्रा उठे अंग्रेज भी जन्म लिया जब वीरांगना ने वो साल 1828 थी नामांकरन हुआ जब उसका मणिकर्णिका कहलाई थी ©विद्या झा Full poem in caption 👇👇 शोले बरसे, थर्रा उठे अंग्रेज भी जन्म लिया जब वीरांगना ने वो साल 1828 थी नामांकरन हुआ जब उसका मणिकर्णिका कहलाई थी भृकुटी ताने, आँखो में ज्वाले अश्व चढ़ी, खड्ग लिए हाथों में