पूरी शिद्दत से वो दिल दुखाने की जफ़ा करती है, मेरे नफ़्स को सब्र के साथ हौले-हौले खफ़ा करती है। घबराये यह दिल के उसके बदल जाने का सबब क्या है, तन्हा रातों में एक दरिया इन आँखों से बहा करती है। आजकल फुर्सत नहीं सायद, किसी और काम की उसे, वह अब ख्वाबों में भी मुझसे कहाँ मिला करती है। तारों को समेटकर सजाई है अपने सपनों के बाग को वो, कहीं उस बाग में एक फूल हमारे नाम से भी खिला करती है। भूल जाता है बादस्तूर दुनिया की हर चाहत यह 'कासिम', जब यह नज़रें बिन इजाज़त उन नज़रों से वफ़ा करती है। #love #aestheticthoughts #atप्यारवोताक़त #yqquotes #कोराकाग़ज़ #poetry #yqdidi #स्वीकारकरलो Best YQ Hindi Quotes YourQuote Didi