वो हमे गम का हवाला दे दे कर के समय लूटते रहे, उनकी इस लाचारी के आगे हम हर बार झुकते रहे, इंतेहा हो गई जब बेसब्री का आलम , इस भंवर से निकलने कि तरकीब सोचते रहे । #Tarkib