हर शाम से तेरा इजहार किया करता है, हर ख्वाब में तेरा दीदार किया करता है, दीवाने ही तो है हम तेरे, जो हर वक्त तेरे मिलने का इंतजार किया करता है !! आज फिर से हवा ने रुख बदला है आज फिर से फ़िज़ाओं में रंग ढाला है मेरे दिल को हमा हो रहा है एहसास शायद किसी से इकरार होने वाला है। चिट्ठी दिल की भेज रहा हूं, चाहत अरमानों के मेरे मोडकर, चिट्ठी नहीं ये है टुकड़ा दिल का मेरे, बस जवाब देना सारा काम छोडकर। ©Gulshan #can