Hope “देख नेमत ए इश्क़ की किसी को खबर ना हो दिल में हज़ार दर्द है पर आँखे तर ना हो, मुद्दत में शाम ए वस्ल हुई है मुझे नसीब कई बरस तक या इलाही यहा सहर ना हो” #ग़ज़ाली!... 0