पूछता है हाल भी गर वो तो मारे शर्म के गुंचा-ए-तस्वीर के मानिंद लब खुलता नही ~जफर पूछता है हाल भी गर वो तो मारे शर्म के गुंचा-ए-तस्वीर के मानिंद लब खुलता नही ~जफर