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मेरे क्या गुनाह गर किसी पे फ़ितूर आया, मुझपे हुए सि

मेरे क्या गुनाह गर किसी पे फ़ितूर आया,
मुझपे हुए सितम का कोई शबब तो बता,
जो जुल्मों-सितम का मेरा मशीहा है ए खुदा,
उसे भी खुदाया तू कुछ शबक सिखा। #फ़ितूर
मेरे क्या गुनाह गर किसी पे फ़ितूर आया,
मुझपे हुए सितम का कोई शबब तो बता,
जो जुल्मों-सितम का मेरा मशीहा है ए खुदा,
उसे भी खुदाया तू कुछ शबक सिखा। #फ़ितूर