Nojoto: Largest Storytelling Platform

White ज़िंदगी किस मोड़ पर बदल जाए क्या पता तब तक

White ज़िंदगी किस मोड़ पर बदल जाए क्या पता 
तब तक हम खुश हो कर जिए 
हमने तो आसु को चुपाना सीख लिया
हसी को बेवजा सजाकर देख लिया
हर किसी को नही मिलते पल जो हम चाहे
जो लम्हे गुज़रते है उस में हम खुश रहते है 
शाम तो गम भरी लगती है 
पर सूरज की पहली किरण जब निकलती है
तब मन को तसल्ली मिलती है भरोसे की
हम चल दिए राहगीर बनकर 
बस मंज़िल की तलाश अभी भी बाकी है .

©Shayari by Sanjay T
  #shayari #shayaribySanjayT