कुदरत की नाराज़गी , आज साफ़ ज़ाहिर होती । मौतों और तबाहियों को देख , इक दफा जो नक्शे को अपने गोद में रख । मैंने उंगलियां सारे जहान में फेरा , फिर धीरे से पूछा । कहां दर्द हुआ है ? जो लौटा रही हो ! उसने ज़वाब में कहा , हर जगह ! हर जगह ! हर जगह ! ©Anuradha Sharma #nature #motherearth #WorldEnvironmentDay #saveearth #urdu #poetry #yqquotes #quotes #Nojoto #Lantern