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शाम का सफर था ,दिल में बेचैनी थी, खुशी का माहौल था

शाम का सफर था ,दिल में बेचैनी थी,
खुशी का माहौल था,आँखों में नमी थी,
सभी मेरी उदासी वजह ढुंढ रहे थे,

लेकिन उन्हें क्या पता था,कि मेरे पास मेरी माँ के न होने की कमी थी। 
_✍🏻Sony Advocate #Mother 
#self_written  
Tarannum Sana   aliya siddiqui👉👸 Aashima khan Tarannum Sana
शाम का सफर था ,दिल में बेचैनी थी,
खुशी का माहौल था,आँखों में नमी थी,
सभी मेरी उदासी वजह ढुंढ रहे थे,

लेकिन उन्हें क्या पता था,कि मेरे पास मेरी माँ के न होने की कमी थी। 
_✍🏻Sony Advocate #Mother 
#self_written  
Tarannum Sana   aliya siddiqui👉👸 Aashima khan Tarannum Sana