कैसे भूल जायें वो दिन, कैसे भूल जायें वो मातम में लिपटी शाम,, जब भारत माँ की गोद में चिरकालिन नींद सो गए थे कितने वीर जवान,, कोई डूबा था अपनी माँ की याद में तो कोई अगली शाम कर रहा था अपने घर वालों के नाम । खुद माँ भारत भी रो पड़ी होंगी ये सोच के, जो खड़ा रहता रात दिन मेरी रक्षा में, क्यूँ करदी रब नें उसकी हर साँस दुखों में,, खुदा न अब ऐसा दिन फिर दिखाये, इनके गुनहगारों को उचित पाठ पढ़ाये।। ©Shalini Katare #voiceofsoul# #no need caption#