Jai jinedra क्षमापना मैंने किसी भी दिल को जाने - अनजाने मैं मन, वचन, एव काया से ठेस पहुचाई हो कुछ अनुचित वचन बोला गया हो अव्यावहार हुआ हो उसे मैं अंत:करण से त्रिवेधि त्रिवेधि देव गुरु और आत्मा की साक्षी मैं महापर्व पर्युषण पर मिच्छामी दुक्कडम । 🙏 महापर्व पर्युषण की शुभकामनाएं Michhami dukkadam # jai jinendra # 🙏