खटो! जब तक जर्जर न हो जाओ! चाहो! जब तक भावनाओं से बंजर न हो जाओ! जूझो! जब तक नाकामी से नाउम्मीद हो मर न जाओ! हमें प्लान बी बस इतना ही बताया है बुजुर्गों ने कि जिंदगी, मौत की बस्ती में जवान एक लड़की अकेली है, मौत के घर की लड़कियां उसकी आदतन/मजबूरन/शौकिया बड़ी गाढ़ी सहेली हैं, तुम्हें मालूम हो उसकी अवस्था कि सर्दी की अंधेरी रात, इन गालियों में, वो उघरे बदन निरा अकेली है! लेकिन... ...हाँ! हमने भी पाया है कि उसकी रूह तक ने आजतक सैकड़ों सौदामिनियाँ झेली हैं! उसकी नस-नाड़ियां कुछ यूँ हठीली हैं! सौदामिनियाँ