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एक गली रोज ढूंढती है शहर मुझमें,, मैं रोज होता हूं

एक गली रोज ढूंढती है शहर मुझमें,,
मैं रोज होता हूं दर_बदर मुझमें।।

रोज बनते हैं और बन के बिखर जाते हैं,,
ख्वाब बना ही नही पातें घर मुझ में।।

राम ऐसे चलो की जैसे सब कुछ भूल आए हों_
मंजिल लापता है राहों की खबर नही मुझमें।।
@ram ✍️🙏

©Rampal Yadav #me and my storey

#Ride
एक गली रोज ढूंढती है शहर मुझमें,,
मैं रोज होता हूं दर_बदर मुझमें।।

रोज बनते हैं और बन के बिखर जाते हैं,,
ख्वाब बना ही नही पातें घर मुझ में।।

राम ऐसे चलो की जैसे सब कुछ भूल आए हों_
मंजिल लापता है राहों की खबर नही मुझमें।।
@ram ✍️🙏

©Rampal Yadav #me and my storey

#Ride
rampalyadav8183

Rampal Yadav

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