किसानों की मेहनत पर फिर से पानी फिर गये। खड़ी थी जो भी फसल उन पर तो ओले गिर गये। सभी कुछ तैयार था बस रह गया था काटना, हुआ है बर्बाद सब कुछ सब दुखों से घिर गये। #ओलावृष्टि #विश्वासी फ़ोटो साभार:इंटरनेट