Nojoto: Largest Storytelling Platform

आसान मंज़िल 🌹🌹〽vu〽️🌹🌹 ।।कुछ ऐसा लिखूं की शायर ह

आसान मंज़िल 🌹🌹〽vu〽️🌹🌹
।।कुछ ऐसा लिखूं की शायर हो जाऊ।।
कायर तो फायार ही हो जाए 
कई शेर का कायल हो जाए।
।।जीते वहीं हैं जो शेर होते हैं,
बाकी ही मिटी के ढेर होते हैं।।
।।अपनी गमों की नुमाइश ना कर
अपनी नसीब की आजमाइश ना कर
जो तेरा हैं वो आएगा एक दिन तेरे पास 
हर रोज उसे पाने की ख्वाइश मत कर।।
जब कलम सोच लिखतीं हैं तो 
Beautiful poem
इस कविता के अंत में कोई कसम नहीं है क्योंकि ये कविता इतनी अच्छी है आप खुद शेयर किये बिना नहीं रह पाओगे।
लेती नहीं दवाई "माँ",
जोड़े पाई-पाई "माँ"।
दुःख थे पर्वत, राई "माँ",
हारी नहीं लड़ाई "माँ"।
इस दुनियां में सब मैले हैं,
किस दुनियां से आई "माँ"।
दुनिया के सब रिश्ते ठंडे,
गरमागर्म रजाई "माँ" ।
जब भी कोई रिश्ता उधड़े,
करती है तुरपाई "माँ" ।
बाबू जी तनख़ा लाये बस,
लेकिन बरक़त लाई "माँ"।
बाबूजी थे सख्त मगर ,
माखन और मलाई "माँ"।
बाबूजी के पाँव दबा कर
सब तीरथ हो आई "माँ"।
नाम सभी हैं गुड़ से मीठे,
मां जी, मैया, माई, "माँ" ।
सभी साड़ियाँ छीज गई थीं,
मगर नहीं कह पाई  "माँ" ।
घर में चूल्हे मत बाँटो रे,
देती रही दुहाई "माँ"।

बाबूजी बीमार पड़े जब,
साथ-साथ मुरझाई "माँ" ।

रोती है लेकिन छुप-छुप कर,
बड़े सब्र की जाई "माँ"।

लड़ते-लड़ते, सहते-सहते,
रह गई एक तिहाई "माँ" ।

बेटी रहे ससुराल में खुश,
सब ज़ेवर दे आई "माँ"।

"माँ" से घर, घर लगता है,
घर में घुली, समाई "माँ" ।

बेटे की कुर्सी है ऊँची,
पर उसकी ऊँचाई "माँ" ।

दर्द बड़ा हो या छोटा हो,
याद हमेशा आई "माँ"।

घर के शगुन सभी "माँ" से,
है घर की शहनाई "माँ"।

सभी पराये हो जाते हैं,
होती नहीं पराईll
          मां

अच्छा लगे तो और एक नए 
सोच को अपनाए और कुछ अच्छा करे।

🌹🌹〽vu〽️ 🌹🌹

©minivkash पूरी कहानियां और कविताएं आप को जरूर मिलेगी इसके लिए आप को हमसे जुड़े रहना होगा।
आसान मंज़िल 🌹🌹〽vu〽️🌹🌹
।।कुछ ऐसा लिखूं की शायर हो जाऊ।।
कायर तो फायार ही हो जाए 
कई शेर का कायल हो जाए।
।।जीते वहीं हैं जो शेर होते हैं,
बाकी ही मिटी के ढेर होते हैं।।
।।अपनी गमों की नुमाइश ना कर
अपनी नसीब की आजमाइश ना कर
जो तेरा हैं वो आएगा एक दिन तेरे पास 
हर रोज उसे पाने की ख्वाइश मत कर।।
जब कलम सोच लिखतीं हैं तो 
Beautiful poem
इस कविता के अंत में कोई कसम नहीं है क्योंकि ये कविता इतनी अच्छी है आप खुद शेयर किये बिना नहीं रह पाओगे।
लेती नहीं दवाई "माँ",
जोड़े पाई-पाई "माँ"।
दुःख थे पर्वत, राई "माँ",
हारी नहीं लड़ाई "माँ"।
इस दुनियां में सब मैले हैं,
किस दुनियां से आई "माँ"।
दुनिया के सब रिश्ते ठंडे,
गरमागर्म रजाई "माँ" ।
जब भी कोई रिश्ता उधड़े,
करती है तुरपाई "माँ" ।
बाबू जी तनख़ा लाये बस,
लेकिन बरक़त लाई "माँ"।
बाबूजी थे सख्त मगर ,
माखन और मलाई "माँ"।
बाबूजी के पाँव दबा कर
सब तीरथ हो आई "माँ"।
नाम सभी हैं गुड़ से मीठे,
मां जी, मैया, माई, "माँ" ।
सभी साड़ियाँ छीज गई थीं,
मगर नहीं कह पाई  "माँ" ।
घर में चूल्हे मत बाँटो रे,
देती रही दुहाई "माँ"।

बाबूजी बीमार पड़े जब,
साथ-साथ मुरझाई "माँ" ।

रोती है लेकिन छुप-छुप कर,
बड़े सब्र की जाई "माँ"।

लड़ते-लड़ते, सहते-सहते,
रह गई एक तिहाई "माँ" ।

बेटी रहे ससुराल में खुश,
सब ज़ेवर दे आई "माँ"।

"माँ" से घर, घर लगता है,
घर में घुली, समाई "माँ" ।

बेटे की कुर्सी है ऊँची,
पर उसकी ऊँचाई "माँ" ।

दर्द बड़ा हो या छोटा हो,
याद हमेशा आई "माँ"।

घर के शगुन सभी "माँ" से,
है घर की शहनाई "माँ"।

सभी पराये हो जाते हैं,
होती नहीं पराईll
          मां

अच्छा लगे तो और एक नए 
सोच को अपनाए और कुछ अच्छा करे।

🌹🌹〽vu〽️ 🌹🌹

©minivkash पूरी कहानियां और कविताएं आप को जरूर मिलेगी इसके लिए आप को हमसे जुड़े रहना होगा।

पूरी कहानियां और कविताएं आप को जरूर मिलेगी इसके लिए आप को हमसे जुड़े रहना होगा।