वैसे तो शिकायत नहीं खुदा से मगर एक ख्वाइश रहेगी हमेशा तेरे दीदार की एक पर्दा था उनके मेरे दरमियां वह हमनसीब बनके करीब आए,,,,, तेज हवा के झोंकों ने बेपर्दा कर के जालिम हवाएं उन पर ही फिदा हो गई,,,,, मुद्दतें तरस गई आंखें प्यासी दीदार उनसे जब हुआ,,,,,