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ख्वाइशों के खेल में, जिदंगी की इस रेल में। हार जा

 ख्वाइशों के खेल में,
जिदंगी की इस रेल में।
हार जाती है जिन्दगी ,
और जीत जाता है दर्द ।
कितना कुछ है बिखरता।
जो चाहकर भी नही संवरता।
जद्दोजहद की ये जंग ,
छीन लेती है जीवन की उमंग।

रश्मि वत्स

©Rashmi Vats
  #जिंदगी #जंग #सफर #हारजीत