जान की जान निकाल कर जान को जान कहते हो कभी पूछा है अपनी जान से कि जान तुम मेरे बिना कैसे रहते हो आपने जब चाहा, जो चाहा वो इलजाम महफ़िल में मुझ पर लगा दिया कभी पूछा है जान तुम इतने ताने कैसे सहते हो रोहन राजस्थानी जान की जान