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सोचा तो था जिंदगी भर तेरी रह-गुजर में रहने की ,,

सोचा तो था 
जिंदगी भर तेरी रह-गुजर में रहने की ,,
जब मुकम्मल तुम ही नहीं अपना सके मुझे ,,
तेरे मेरे अपनों की क्या बात करें... #Bloom #Hindi #shayari #poem #quotes
सोचा तो था 
जिंदगी भर तेरी रह-गुजर में रहने की ,,
जब मुकम्मल तुम ही नहीं अपना सके मुझे ,,
तेरे मेरे अपनों की क्या बात करें... #Bloom #Hindi #shayari #poem #quotes