मै कोई भूलने वाली ऐसी वैसी चीज नहीं हूं, जो तुम इतनी आसानी से मुझे भूला बैठोगे, अगर तुम जहन्नुम से भी देखोगे मेरा अक्स दिखाई देंगे, एक डाल पर पंछी भी तभी बैठते हैं जब सोच समान हो, माना मेरे मन की डाल में उथल-पुथल पर इतना कमजोर नहीं, हर एक असमान सोच और प्रवृत्ति प्रवासी पंछी को शरण दे दूं, अगर तुम्हारा काम ही है विचरण करना तो फिर करते ही रहो, नियति और भाग्य से ज्यादा न मुझे कुछ मिला न तुम्हें मिलेगा। आशुतोष शुक्ल (उत्प्रेरक) ©ashutosh6665 #Hope #poem #thought