नई आशाओं, नई उमंगों के साथ हम दोनों क्षितिज की ओर चले। दूर क्षितिज पर आसमान और धरती का मिलन होते देखने चलें। नये एहसासों और नये जज्बातों को साथ में हम दोनों लेकर चले। बनाने क्षितिज पर अपना आशियाना दुनियां की नजरों से दूर चले। नये ख्वाबों और नये खयालातों को साथ लेकर हम तुम दोनों चलें। प्यार की दुनियां बसाने के लिए क्षितिज में हाथों में डाल हाथ चलें। नये जोश और नये हौसलों के पंख से उड़ान को दिल में भरकर चलें। प्यार ही प्यार हो बस जहां, उस क्षितिज में ऐसा एक जहां बसाने चलें। -"Ek Soch" 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab करें "मेरी रचना✍️ मेरे विचार"🙇 के साथ.. 🥇"मेरी रचना मेरे विचार" आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों का प्रतियोगिता:-०२ में हार्दिक स्वागत करता है..💐🙏🙏💐 🥈आप सभी ८ पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। विजेता का चयन हमारे चयनकर्ताओं द्वारा नियम एवं शर्तों के अनुसार किया जाएगा।