कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें 👇 👇 👇👇 हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र और गांधारी का पुत्र था दुर्योधन। महाबली योद्धा श्रेष्ठ गदाधारी द्रोणाचार्य का शिष्य था दुर्योधन। कौरव वंश का सौ पुत्रों में श्रेष्ठ पुत्र, बड़ा ही महत्वाकांक्षी था। शकुनि मामा ने बना दिया था दुर्योधन को राजपाट का लोभी। राजपाट और सिंहासन पाने को रहता था वह प्रबल आकांक्षी। कौरव सदा ही पांडवों को नीचा दिखाने की युक्ति लगाते थे।