यह रिस्ते यह ख़यालात, यह बहते हुए जज़्बात। कहीं गुम क्यों न हो जाते, कहीं छुप क्यों न जाते। भरी महफ़िल रूसवा हम ऐसे न होते, बार बार दिल जोड़ने का सजा न भुगतते। ©BINOदिनी #Emotional #attachment