" बिल्कुल दरियादिल इंसान हूँ... मुश्किलों में शामिल इंसान हूँ... मुंह पर सच बोल देता हूँ... एकदम जाहिल इंसान हूँ... प्यार के बोल दरवाजे खोल देते हैं... दिल के दरवाजे से दाखिल इंसान हूँ... खुशियों का गला घोंट देता हूँ... खुद के लिए क़ातिल समान हूँ... प्यार लुटाकर हार जुटा रहा हूँ... इसी हार के काबिल इंसान हूँ..." ©Rishi Ranjan poetry lovers poetry on love poetry quotes metaphysical poetry