#बनारस_के_घाट दिलाती है याद, गुज़रे अनेको पल थे जहां, जहां शामें अक्सर, गुज़ारी थी हमनें, नावों पर शामें, बिताए थे कितने, कहीं जिंदगी खिलखिलाती, थी दिखती, कहीं लाशें जलती भी, देखी थी हमनें, कहीं वर्जिश करते, दिख जाते थे लोग, कहीं गीत गाते, मिल जाते थे लोग, बनारस की घाट, दिलाती है याद.. #अजय57