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हार को जीत कहना ना आया हमें सादगी से जलो तो अलग ब

हार को जीत कहना ना आया हमें 
सादगी से जलो तो अलग बात है
बात महलों की यारा मैं करता नहीं 
झोपड़ी से जलो तो अलग बात है
रात को दिन है कहना ना आया हमें 
भोलेपन से जलो तो अलग बात है 
तुमसे करनी है तुमसे सनम गुफ्तगू 
तुम फिर भी सुनो ना अलग बात है 
मानता हूँ थोड़ा सा मैं उलझा सनम 
बात फिर भी जेहन में ही रखता हूँ मैं
प्यार से खेलना ना ही है आया हमें 
तुम -समझो ना यारा अलग बात है 
तुमको जो भी है करना करो शौक से 
नाही हरगिज किसी से भी डरता हूँ मैं 
मैंने जो भी हैं बनाए ,नियम -कायदे 
बस उन्हीं पे उन्हीं पे ही चलता हूँ मैं 
रौब है गर जो तुममें गरुर मुझमें भी 
देखो फिर से वही- बात कहता हूँ मैं 
दिल से कहता हूँ दिल से चलता हूँ मैं 
इश्क खुद से ही यारा ओ करता हूँ मैं 
तुमको गर जो हो गफलत तो ही सुनो 
राह तुम इक नई यार फिर से ही चुनो

©ANOOP PANDEY
  #हार_जीत 
Sweety mehta Anshu writer