आज माँ पर कुछ स्वयं रचित पंक्तियाँ ......... गर माँ पर लिखने जो बैठ गया ,तो फिर मैं लिखता जाऊँगा , चाहे कितने पन्ने लिख दूँ ,लेकिन माँ के अहसासों को ............ फिर भी लिख ना पाऊँगा , इक शब्द माँ के आगे............... ये ब्रह्मांड शून्य हो जाता है ,जिसकी महिमा के लाखों किस्से , स्वयं विधाता भी गाता है , जहाँ तलक कुछ याद है मुझको , मेरी मम्मा सबसे प्यारी है ,बडे़ गर्व से कहता हूँ .................... कि वो इक हिम्मतवाली है , जिसके साथ रहूँ मैं जब जब... ना आती कोई बीमारी है , जब भी होती है वो जरा व्यथित , मैं खुद में ही खो सा जाता हूँ , जैसे मानों उस पल को ........ मैं नीरस जीता जाता हूँ , नहीं चाहता चाँदी सोना ................. मैं बस माँ की खुशी माँगता हूँ , रहें सदा वो साथ हमारे ........ बस इतनी दुआ माँगता हूँ , जिसके गुस्से में प्यार भरा.......... है गोद में जिसकी जन्नत है , रहे सदा वो साथ हमारे..........-. बस इतनी सी मेरी मन्नत है .🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 #womeniya