वो नहीं आती पर निशानी भेज देती है, ख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देती है, कितने मीठे हे उसकी यादो के मंज़र, कभी कभी आँखों में पानी भेज देती है, _______________________________ मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा,, वो नहीं आती पर निशानी भेज देती है,, ख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देती है,, कितने मीठे हे उसकी यादो के मंज़र। कभी कभी आँखों में पानी भेज देती है! मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा