मांग लूँगा तुम्हे, तहज्जुद की दुआओं में आज ये संगमरमर-सा-चाँद बस उफ़ुक़ से निकल आए! 💕 पंडिताइन 💓💕 कि फ़स्ल-ए-गुल फ़िर महक जाए कुछ यूँ बे-सबब मुस्कुरा जाना तुम मिलेंगे आज फ़िर छत से उस छत सुनों! सुकूँ ए बहर हो जाना तुम।। * तहज्जुद - रात की प्रार्थना