कुछ अल्फाज हमारे दिल के कही थीं सुनी राहे तो कही जस्न भरे महफ़िल थे कर लेते थे दो बात सबसे हम हस के अपने दिल के चुप बैठे हैं आज हम एक कमरे मे अपने इन होठो को सिल के कर लेते है हम सबका भरोसा क्योंकि हम इंसान है सच्चे दिल के 💖शगुन मौर्या💖 ©shagun maurya दिल पे चाहने वालों की दस्तक