अक्सर ख्यालों में हूँ, तेरे में कही देखूँ मैं तुझे लम्हा लम्हा,हर पल अपने सीने में रखूं , हर सुबह तुझसे मिलने की चाहत में जागूँ , एक तू ही तो है होंठों की हसीं , चेहरे का नूर ...... ©अनुभव पंडित जी #BehtaLamha #शायरी #अक्सर #ख्याल