यह जो होठों के ऊपर तिल है चुराया मेरा दिल है ज़ुल्फ़ों की जो लट है किया इसने बिस्मिल है आँख झुकाने की जो अदा है हाय निरी क़ज़ा है देखा है हमने सब आह भर के फिर न कहना अनुज बेपरवाह है फिर न कहना... #फिरनकहना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi