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तमाशा! सह लिया जो सहना था, अब सिर्फ जीना है

तमाशा!

सह लिया जो  सहना  था, अब  सिर्फ  जीना  है
देखेगा तमासा अब वो, जिसने चैन मेरा छिना है

अब  तो  एक - एक आँशु  का  हिसाब  होगा  
एक - एक  गम  मैंने  लिखकर  गीना  है

आओ तुम भी  तमाशा  देखो  ऐ  दुनिया  वालो
ज़िंदगी मिली तो तन्हा, मरना भी उसके बिना है

मैं  कोई  नशेडी,  कोई  शराबी  नहीं  हूं  मिया
अब बस जिद है, अब  उसके  गम  में  पीना  है

क्यों  इतना  गम  है,  क्यों  ये  रात  नहीं  भाति
ये  मौत  का  दिन  है, या  हिज्र  का महीना है?

-शिवम् अग्रहरि तमाशा!

सह लिया जो  सहना  था, अब  सिर्फ  जीना  है
देखेगा तमासा अब वो, जिसने चैन मेरा छिना है

अब  तो  एक - एक आँशु  का  हिसाब  होगा  
एक - एक  गम  मैंने  लिखकर  गीना  है
तमाशा!

सह लिया जो  सहना  था, अब  सिर्फ  जीना  है
देखेगा तमासा अब वो, जिसने चैन मेरा छिना है

अब  तो  एक - एक आँशु  का  हिसाब  होगा  
एक - एक  गम  मैंने  लिखकर  गीना  है

आओ तुम भी  तमाशा  देखो  ऐ  दुनिया  वालो
ज़िंदगी मिली तो तन्हा, मरना भी उसके बिना है

मैं  कोई  नशेडी,  कोई  शराबी  नहीं  हूं  मिया
अब बस जिद है, अब  उसके  गम  में  पीना  है

क्यों  इतना  गम  है,  क्यों  ये  रात  नहीं  भाति
ये  मौत  का  दिन  है, या  हिज्र  का महीना है?

-शिवम् अग्रहरि तमाशा!

सह लिया जो  सहना  था, अब  सिर्फ  जीना  है
देखेगा तमासा अब वो, जिसने चैन मेरा छिना है

अब  तो  एक - एक आँशु  का  हिसाब  होगा  
एक - एक  गम  मैंने  लिखकर  गीना  है

तमाशा! सह लिया जो सहना था, अब सिर्फ जीना है देखेगा तमासा अब वो, जिसने चैन मेरा छिना है अब तो एक - एक आँशु का हिसाब होगा एक - एक गम मैंने लिखकर गीना है #dawn #poem #gazal #lovebarfiladdu #shivamagrahari #writingoftales #शिवम्अग्रहरि