मेरी सांसो में तू समाया तो था.. मैंने तुझको अपनाया तो था.. प्रेम बंधन में बंध तो गए लेकिन.. शायद ज़्यादा साथ हमारा न था.. तुझे छोड़ने का वैसे इरादा न था.. लौटकर आऊंगा ये वादा तो न था.. तुझसे वादे सर आँखों पर थे लेकिन.. इस धरती का कर्ज चुकाने तो था.. मुल्क की खातिर जान जाए तो क्या.. मुल्क अपना था कोई पराया न था.. -✍ पीयूष बाजपेयी 'नमो' #prb #नमो #काव्य_पीयूष #अपना_मुल्क