तेरे बिना मेरी पहचान क्या, तेरे बिना दिल का अरमान क्या। काशी यहीं थी मक्का यहीं था, तेरे साथ था तो मैं वहशी नहीं था। तेरे बिना मेरा ईमान क्या, तेरे बिना मेरी पहचान क्या। मेरी इबादत की सूरत थे तुम, दिल मेरा मंदिर मूरत थे तुम। तेरे बिना मेरा भगवान क्या, तेरे बिना मेरी पहचान क्या। हिसाम Hisam Khan Lyricist....... all rights reserved