बचपन में गर उठ गया हो मासूम के सर से मां बाप का साया, जिंदगी में साथ निभाने के लिए किसी ने भी ना हो हाथ बढ़ाया। बचपन खो जाता है बचपन में वक्त वक्त से पहले बड़ा बना देता, हालात-ए-जिंदगी सिखा देती है समझदारी जब कोई ना सिखाता। फिर गरीबी की मार बचपन की मासूमियत को खत्म कर जाती है, फटेहाल जिंदगी और पेट की भूख भीख मांगना भी सिखा देती है। बचपन में है करने लगते हैं बड़प्पन की बातें जीना सीख जाते हैं, दो जून की रोटी की खातिर लोगों के सामने हाथ फैलाते रहते हैं। जानते ही नहीं हैं प्यार का एहसास खेले नहीं कभी गुड्डे गुड़िया से, छोटी खुशियों में खुश हो जाते, दूर रहते हैं बड़ी बड़ी ख्वाहिशों से। खुदा किसी से ना छीने मासूमियत बचपन की यह बड़ा तड़पाती है, बीत जाते हैं जो बचपन के पल गरीबी में जिंदगी अधूरी रह जाती है। #yqbaba #yqdidi #myquote #openforcollab #collabwithmitali #halat_e_jindgi 📀 समय सीमा: 11:59 कल रात्रि तक। 📀 आप किसी भी भाषा में लिख सकते हैं (Hindi & English) 📀 शब्द सीमा: 12 लाइन्स