उनकी चाहत में हम, क्या क्या ना बने, कभी सारा जहां तो कभी खामखां बने, इस सोच में उलझे हैं के हम जानते नहीं, उनके गमों का, सबब हम हर दफा बने... ©Shreyasi #Blossom