किसी गाँव शहर में न मेरा घर हो दुनिया के हर घर में मेरा घर हो हर इंसान को मेरे होने की खबर हो दुनिया के हर घर में मेरा घर हो रचनाकार सरवर माजरा दुनिया के हर घर में मेरा घर हो